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अब जंतर मंतर पर खिलाड़ी करेंगे सत्याग्रह ?

देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का गवाह पूरा देश बना। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में एक ऐसी घटना भी हो गई, जिस ...

देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का गवाह पूरा देश बना। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में एक ऐसी घटना भी हो गई, जिस पर पूरा देश अफसोस जता रहा है। सड़कों पर रोती बिलखती देश की बेटियों की तस्वीरें लोगों को परेशान कर रही हैं। दरअसल भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन आरोपों के खिलाफ पिछले 36 दिनों से धरने पर बैठे पहलवान अचानक रविवार को नए संसद भवन की ओर कूच पर निकल गए। पहलवानों ने संसद की तरफ कुछ कदम ही आगे बढ़ पाए थे कि दिल्ली पुलिस के जवानों ने विरोध के बीच उन्हें हिरासत में ले लिया। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई का पहलवानों ने जमकर विरोध किया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को हिरासत लेकर उनके कूच को विफल कर दिया। 

डिप्टी पुलिस कमिश्नर सुमन नालवा ने कहा- अगर पहलवानों ने अगली बार धरने की इजाजत मांगी तो हम उन्हें जंतर-मंतर नहीं, दूसरी जगह पर भेजेंगे। दरअसल, रविवार को झड़प के बाद रेसलर साक्षी ने कहा था कि अब जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करेंगे।

रविवार को नई संसद के सामने महिला महापंचायत बुलाई गई थी। रेसलर्स ने वहां जाने के लिए मार्च निकाला और बैरिकेड्स भी तोड़े। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इसके बाद विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों को हिरासत में लिया गया। हालांकि, बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने पहलवानों समेत 109 लोगों पर FIR दर्ज की है। इन पर दंगा फैलाने, सरकारी काम में बाधा डालने जैसे आरोप हैं। इन धाराओं में 7 साल तक कारावास का प्रावधान है।

18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया। 21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई। 23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा।

28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉस्को एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की। 3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव व विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत और 5 पुलिस वाले घायल हुए। 7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया। 21 मई को फिर महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया। 26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरनास्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे। 28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

- खिलाडी  ब्यूरो 

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