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राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के खिलाडिय़ों को खेल संघों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं : खेल मंत्रालय

देश के सर्वोच्च सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड समेत अन्य राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों पर फैसला राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के बाद ...

देश के सर्वोच्च सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड समेत अन्य राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों पर फैसला राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के बाद होगा। इन दोनों खेल आयोजनों को ध्यान में रखते हुए खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की आवेदन प्रक्रिया को टाल दिया है। अब इस प्रक्रिया को जून माह में बहाल किया जाएगा। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि इस बार भी राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस 29 अगस्त को नहीं होंगे। एशियाई खेल खत्म होने के बाद इन दोनों ही खेलों में पदक जीतने वाले खिलाडियों को अवार्ड की दौड़ में शामिल किया जाएगा।

प्रत्येक वर्ष 30 अप्रैल तक राष्ट्रीय खेल पुरस्कार की आवेदन प्रक्रिया समाप्त हो जाती है। बीते वर्ष कोरोना को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने इसमें छूट दी थी, लेकिन इस बार उसने अब तक आवेदन प्रक्रिया बहाल ही नहीं की, जिसे जून में निकालने की उसकी योजना है। सूत्रों का कहना है कि अवार्ड कमेटी की बैठक भी एशियाई खेलों के खत्म होने के बाद होगी। 

सूत्र यह भी बताते हैं कि राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की स्कीम में मंत्रालय बड़ा परिवर्तन करने जा रहा है। इस बार खिलाड़ी सीधे तौर पर अवार्ड केलिए ऑन लाइन आवेदन कर सकेंगे। अवार्ड के लिए खिलाडिय़ों को खेल संघों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। न ही खेल संघों को खिलाडिय़ों का नाम भेजने की बाध्यता होगी। मंत्रालय ऐसा इस वजह से कर रहा है कि कई खेल संघ जिन खिलाडिय़ों का नाम भेजते हैं उन्हें अवार्ड नहीं मिलने पर उनका दोबारा नाम नहीं भेजा जाता है।

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